रूस ने यूक्रेन के ऊपर हमला कर दिया है. दोनों के बीच जोरदार जंग जारी है. रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सैन्य कदम के बाद कई लोग ये जानना चाह रहे हैं कि संघर्ष कैसे और क्यों शुरू हुआ? तो आज के know this वीडियो में हम आपको बताएंगे कि रूस ने यूक्रेन पर हमला क्यों किया?, यूक्रेन से रूस क्या चाहता है? साथ ही बताएंगे कि आखिर क्यों दो पड़ोसी मुल्क एक दूसरे के दुश्मन हो गए? बस आप वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ..
दरअसल बात कुछ ऐसी है कि रूस और यूक्रेन की लड़ाई आज कल की नहीं बल्कि काफी पुरानी है.. हम आपको दोनों देशों के बीच जारी भीषण युद्ध के पूरे घटनाक्रम के कुछ ऐंगल्स बताते हैं..
सबसे पहले तो रूस का यूक्रेन पर अटैक का सबसे महत्वपूर्ण कारण ये है कि अमेरिका यूक्रेन को नाटो में शामिल कराने का प्रयास करता रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि नाटो के आर्टिकल 5 में प्रावधान है कि अगर कोई देश नाटो के किसी सदस्य देश पर हमला करता है तो सारे नाटो देश उसके खिलाफ मोर्चा खोल देंगे. ऐसे में रूस को चिंता है कि यदि यूक्रेन नाटो का सदस्य बन जाता है तो रूस की सीमा तक नाटो देशों की सेना की पहुंच हो जाएगी और उसके लिए भविष्य में खतरा पैदा हो सकता है. यूक्रेन की रूस के साथ कई सौ किलोमीटर लंबी सीमा लगती है. यही वजह है कि रूस नहीं चाहता कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बने.बता दें कि नाटो का निर्माण 1949 में हुआ था और अमेरिका इसमें सबसे ज्यादा फंडिंग करता है.
दूसरा रीजन है कि यूक्रेन का क्रीमिया इलाका, जिस पर रूस ने साल 2014 में कब्जा कर लिया था. वहां नैचुरल गैस के भारी भंडार हैं. ऐसे में रूस को आशंका हो सकती है कि अमेरिका और यूरोप के देश यूक्रेन को प्रभाव में लेने के बाद क्रीमिया के गैस भंडार पर भी नजर गड़ा सकते हैं. जिसका सीधा मतलब है कि रूस के यूरोप को होने वाले गैस निर्यात को बड़ा झटका लगा सकता है. यही वजह है कि अमेरिका और यूरोप के देश जहां यूक्रेन को अपने प्रभाव में करने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं रूस यूक्रेन को अपने प्रभाव में रखने की जद्दोजहद कर रहा है.
तीसरे रीजन पर नजर डालें तो वो ये है कि अमेरिका और पश्चिमी यूरोप के देशों द्वारा रूस की महात्वाकांक्षी नार्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन परियोजना पर रोक लगाना है. जिसके जरिए रूस यूरोप के अलग-अलग देशों तक गैस सप्लाई करना चाहता है. जिसके लिए यूक्रेन पर डिपेंडेंट है. रूस ने इस परियोजना पर अरबों डालर का खर्च किया है. रूस इसके जरिये फ्रांस, जर्मनी समेत समूचे यूरोप में गैस और तेल की सप्लाई करना चाहता है.
रूस की यूक्रेन पर अटैक करने की चौथी वजह रूस का यूक्रेन से भावनात्मक संबंध है. दरअसल यूक्रेन के कुछ हिस्सों में रूस समर्थक बहुसंख्यक हैं. रूस की नींव यूक्रेन की धरती से ही रखी गई थी. रूस की पहचान यूराल पर्वतश्रंख्ला भी यूक्रेन से ही होकर गुजरती है.
तो ये कुछ जरूरी कारण थे जिनके चलते रूस और यूक्रेन युद्ध के मैदान में आमने-सामने आ गये हैं और यूक्रेन के लोगों को युद्ध की भारी विभीषिका का सामना करना पड़ रहा है.