भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के चलते ये उम्मीद की जा रही थी कि दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते प्रभावित होंगे और भारत धीरे धीरे चीन पर निर्भरता खत्म कर देगा लेकिन असलियत में दोनों देशों के रिश्ते व्यापार क्षेत्र में और गहरे हो रहे हैं. दुश्मन पर किसी भी मामले में निर्भर होना कूटनीति में कमजोरी मानी जाती है.आज नो दिस के इस वीडियो में हम समझने की कोशिश करेंगे कि भारत चीन पर किस करह निर्भर है. जानेंगे कि ये निर्भरता क्यों बढ़ती जा रही है... क्या भारत के पास चीन का कोई विक्लप है. ऐसे तमाम सवालों के जवाब के लिए वीडियो के आखिर तक बने रहिए हमारे साथ.
हर तरफ चर्चा है कि भारत की चीन पर निर्भरता क्यों बढ़ रही है. भारत अगर चीन को अपना दुश्मन मानता है तो यह भी एक कड़वा सच है कि भारत चीन पर काफी हद तक निर्भर है. सुषमा स्वराज ने कहा था कि भारत की जो आर्थिक क्षमता बढ़ रही है, उसमें चीन से बहुत बड़ा निवेश आता है. मई 2014 से पहले चीन का निवेश 116 अरब डॉलर था जो आज बढ़कर 160 अरब डॉलर हो गया है. 2020 में एलएसी पर हुए विवाद के बाद मोदी सरकार ने चीनी निवेश पर निगरानी बढ़ाई लेकिन इसके बावजूद भारत का चीन से आयात कम नहीं हुआ.
महामारी के दौरान भी भारत की चीन पर निर्भरता और बढ़ गई. डेटा के मुताबिक 2021 में भी चीन से भारत का आयात बढ़ा है. चाइना जनरल एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ़ कस्टम (जीएसी) ने जनवरी में भारत से व्यापार का डेटा जारी किया था. इस डेटा के अनुसार, 2021 में भारत का चीन के साथ व्यापार 125.6 अरब डॉलर पहुंच गया. जीएसीसी के अनुसार, स्मार्टफोन और स्टोरेज इकाइयों सहित इलेक्ट्रिक और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के शिपमेंट में सबसे बड़ी उछाल देखी गई है.
यह पहली बार है, जब चीन के साथ व्यापार 100 अरब डॉलर से ऊपर पहुँचा है. इसमें भारत ने 97.5 अरब डॉलर का आयात किया है और निर्यात महज़ 28.1 अरब डॉलर का है. चीन के ग्लोबल टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में चीन-भारत व्यापार 125 बिलियन डॉलर के पार हो गया है, यह एक रिकॉर्ड स्तर है.
दोनों देशों के तनाव के बीच ये आंकड़े साबित करते हैं कि भारत चीनी बाजार पर अपनी निर्भरता को कम करने में असमर्थ है. भारत सरकार के प्रयासों के बावजूद भारत भी चीनी अर्थव्यवस्था से अलग होने में असमर्थ रहा है. साथ ही कहा जा रहा है कि जब हमारे उद्योग पूरी तरह महामारी से उबर जाएंगे तो चीन पर भारत की निर्भरता और बढ़ सकती है. माना जा रहा है कि चीन पर भारत की निर्भरता को दूर करने में भी लंबा समय लगेगा.