सेना पर खर्च करने के मामले में भारत ने साल 2018 के मुकाबले ऊंची छलांग लगाते हुए पांचवे नंबर से अब दुनिया के टॉप थ्री में पहुंच गया है। इसमें भी सबसे अच्छी बात ये हैं कि भारत अब स्वदेशी हथियार उद्योग को मजबूत करने में जुटा है. इस बात का खुलासा स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी एसआईपीआरआई की ओर से दुनिया की प्रमुख सेनाओं के सालाना खर्च पर रिपोर्ट में किया गया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक सैन्य खर्च के मामले में पहले नंबर पर अमेरिका तो दूसरे पायदान पर चीन है। वहीं 2021 में भारत का सैन्य खर्च 76.6 अरब डॉलर का रहा है। अगर 2020 की बात करें तो ये बढोतरी 0.9 फीसदी है, और एक दशक के मुकाबले ये बढ़ोतरी 33 फीसदी से ज्यादा रही है। भारत ने पिछले साल के सैन्य बजट में 64 फीसदी राशि देश में ही बनने वाले हथियारों के लिए निर्धारित की थी। रिपोर्ट के मुताबिक विश्व सैन्य खर्च 2021 में 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के साथ अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया है। बात अगर भारत की करें तो चार साल पहले यानी 2018 में भारत की 5वीं पोजीशन पर था और तब कुल सैन्य खर्च 66.5 बिलियन डॉलर था। यानी 2021 तक इस खर्च में 10.1 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल मिलिट्री एक्सपेंडिचर 2021 में 0.7 फीसदी बढ़कर 2,113 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। 2021 में सेना पर सबसे ज्यादा खर्च करने वाले पांच देशों में अमेरिका, चीन, भारत, यूनाइटेड किंगडम यानी ब्रिटेन और रूस शामिल थे। कुल खर्च का 62% हिस्सा अकेले इन 5 देशों ने खर्च किया। एसआईपीआरआई के मिलिट्री एक्सपेंडिचर और आर्म्स प्रोडक्शन प्रोग्राम के सीनियर रिसर्चर डॉ. डिएगो लोपेज डा सिल्वा ने कहा- कोरोना महामारी के बाद आई आर्थिक गिरावट के बावजूद सैन्य खर्च रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। महंगाई के कारण ग्रोथ रेट में मंदी थी। फिर भी सैन्य खर्च 6.1% फीसदी बढ़ा है। भारत का सैन्य खर्च पिछले साल 76.6 बिलियन अमेरिकी डालर के साथ तीसरे स्थान पर रहा। भारत ने चीन और पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव और सीमा विवादों के चलते सैन्य बजट बढ़ाया है। भारत का 76.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर, यानी 5.87 लाख करोड़ रुपए का सैन्य खर्च दुनिया में तीसरे नंबर पर है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 21 अप्रैल को कहा था कि पूर्वी लद्दाख विवाद शांतिपूर्ण हल के लिए चीन के साथ चल रही बातचीत जारी रहेगी। और सैनिकों की वापसी और तनाव में कमी लाना ही आगे का रास्ता है. सिंह ने सैन्य कमांडरों के सम्मेलन में कहा था कि भारतीय सैनिक देश की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के विए प्रतिकूल मौसम और शत्रुतापूर्ण ताकतों का डटकर मुकाबला करें।
रूस ने यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक सेना पर 20 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च कर दिए हैं। यूक्रेन ने 2021 में अपनी सेना पर 5.9 बिलियन डॉलर खर्च किए, जो रूस के बजट के दसवें हिस्से से भी कम है। यूक्रेन ने मार्च में सेना पर करीब 10 अरब डॉलर खर्च किए थे। इसके बाद उसे नाटो और अमेरिका ने खुले हाथों से मदद की। इसलिए ये अंदाजा लगाना फिलहाल संभव नहीं है कि अप्रैल में उसने कितना खर्च किया। ब्रिटेन ने पिछले साल रक्षा पर 68.4 अरब डॉलर खर्च किए, जो 2020 के मुकाबले 3 फीसदी ज्यादा रहा है। वहीं यूक्रेन से जारी जंग के बीच रूस ने रक्षा खर्च में पांचवी पोजीशन बरकरार रखी है।